विष्णु नारायण भातखण्डे वाक्य
उच्चारण: [ visenu naaraayen bhaatekhend ]
उदाहरण वाक्य
- विष्णु नारायण भातखण्डे को याद करते हुए
- विष्णु नारायण भातखण्डे से उन्होंने ध्रुपद और धमार की शिक्षा ली।
- पिछले अंकों में हम यह चर्चा कर चुके हैं कि वर्तमान में प्रचलित थाट पद्यति पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे द्वारा प्रवर्तित है।
- पंडित विष्णु नारायण भातखण्डे जी ने अपनी पुस्तक हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति में रागों का वर्गीकरण करते समय रस का भी सामंजस्य किया है।
- संगीत के प्रति लगाव को देखते हुए उनके पिता ने उन्हें संगीत सीखने की अनुमति दी और वो विष्णु नारायण भातखण्डे की शिष्या बन गईं।
- इस श्रृंखला में हम पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे द्वारा प्रवर्तित उन दस थाटों की चर्चा कर रहे हैं, जिनके माध्यम से रागों का वर्गीकरण किया जाता है।
- पं विष्णु नारायण भातखण्डे जी ने अपनी छ: भागों में लिखी गई पुस्तक ‘ हिन्दुस्तानी संगीत-पद्धति क्रमिक पुस्तक मालिका' में स्वनिर्मित स्वरलिपि द्वारा सैकड़ों बंदिशों को लिपिबद्ध कर उसका संग्रह किया।
- उत्तर भारतीय संगीत के विद्वान पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे ने रागों के वर्गीकरण के लिए १ ० थाट प्रणाली को अपनाया और रागों का वर्गीकरण किया, जो आज तक प्रचलित है।
- संगीत के क्षेत्र में पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे और पण्डित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर ने स्वतंत्रता से पहले ही भारतीय संगीत को जनमानस में प्रतिष्ठित करने का जो अभियान छेड़ा था, उसका सार्थक परिणाम आज़ादी के बाद नज़र आने लगा था।
- ऐसी स्थिति में १ ८ ७ ८ में जन्में पण्डित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर और १ ८ ९ ६ में जन्में पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे ने अपने अनथक प्रयत्नों से पूरी शुचिता के साथ संगीत को न केवल पुनर्प्रतिष्ठित किया बल्कि जन-जन के लिए संगीत-शिक्षा सुलभ कराया।
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